एक पत्रकार जनता की आवाज उठा देता है। एक पत्रकार जनता की आवाज उठा देता है।
मैं सत्य का कड़ा प्रहार हूं हाँ मैं पत्रकार हूँ। मैं सत्य का कड़ा प्रहार हूं हाँ मैं पत्रकार हूँ।
मैं पत्रकार हूं मैं शुभ संदेश लिखता हूं मैं भारत के चौथे स्तंभ की भूमिका निभाता हूं। मैं पत्रकार हूं मैं शुभ संदेश लिखता हूं मैं भारत के चौथे स्तंभ की भूमिका निभ...
प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII प्रिय मित्रों की अहम टिप्पणी , देखो क्या रंग लाएंगीII
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा.... कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए तो वो थोड़ा होगा....
झे देखकर इकठ्ठे हो जाते है लोग, यही उम्मीद लेकर शायद अब कुछ हो जाये। झे देखकर इकठ्ठे हो जाते है लोग, यही उम्मीद लेकर शायद अब कुछ हो जाये।